सफाई कर्मचारी यूनियन चुनाव विवादों में, डिप्टी कमिश्नर को शिकायत

दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग

चंडीगढ़। नगर निगम के एमओएच विंग के अधीन सफाई कर्मचारी यूनियन के चुनाव विवादों में घिर गए हैं। 23 अप्रैल को हुए चुनाव के ठीक एक सप्ताह के बाद जस्टिस फार सफाई कर्मचारी संस्था ने बकायदा पत्रकार वार्ता बुलाकर सवाल उठाए हैं। संस्था ने डिप्टी कमिश्नर को शिकायत देकर दोबारा चुनाव कराए जाने की मांग की है। चुनाव को अवैध तक करार दिया है। जस्टिस फॉर सफाई कर्मचारी ने अपने सदस्य जयपाल बागड़ी की शिकायत पर डी सी चंडीगढ़ को पत्र लिखकर 23 अप्रैल को हुए स्वास्थ्य विभाग नगर निगम चंडीगढ, अंतर्गत सफाई कर्मचारी यूनियन (रजिस्टर्ड न.63) की चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर अनियमिता का आरोप लगाया है। बागड़ी ने आरोप लगाते हुए बताया कि चुनाव समिति के गठन में बजी अनियमिता की गई समिति में सफाई कर्मचारी यूनियन के सदस्य होने चाहिए थे मगर समिति में एम.पी. डब्ल्यू इंस्पेक्टर को लिया गया।

वीडियो क्लिप भी जारी किया

प्रैस क्लब में प्रेस वार्ता करके जस्टिस फॉर सफाई कर्मचारी के पदाधिकारियों ने दावे के साथ यूनियन के चुनाव की काउंटिंग के समय की एक वीडियो क्लिप जारी की जिसमें स्पष्ट रूप से दिखाया गया कि बहुत से बैलट पेपरो में करंसी नोट डाले गए थे हालांकि काउंटिंग के वक्त सरकारी आब्जर्वर भी मौजूद थे व संवैधानिक रूप पर उनको इस पर संज्ञान लेना चाहिए था लेकिन धांधली को अनदेखा किया गया। जयपाल ने बताया की चुनाव प्रक्रिया में प्रत्याशियों की मेंबरशिप तक चेक नहीं हुई व कुछ मेम्बर ऐसे थे जो कि  वर्तमान में सदस्य ही नहीं है, इसलिये उनका चुनाव अवैध माना जाए। जयपाल ने यह भी बताया कि वर्तमान कार्यकारिणी का समय 23.4.2023 को खत्म हो रहा था वह इसकी प्रक्रिया के लिए 15 दिन चुनाव प्रचार समिति का गठन के लिए  7 दिन का समय तय करना अनिवार्य था जिसे अनदेखा किया गया।


नए प्रधान चढ्डा का जवाब-कोई धांधली नहीं हुई

वहीं, चुनाव में जीत हासिल कर अध्यक्ष बने कृष्ण कुमार चड्ढा ने आरोपों को नकारते हुए धांधली होने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में लेबर इंस्पेक्टर, चुनाव समिति और तीनों उम्मीदवारों के एजेंड मौजूद थे। हर घंट के बाद उम्मीदवारों से चुनावी प्रक्रिया के बारे में पूछा जा रहा था तब कोई आपत्ति नहीं जताई गई। चुनाव के लिए बकायदा एलईडी लगा हुई थी। उन्होंने कहा कि आरोप लगाने वाले हार सहन नहीं कर पा रहे हैं। आपत्ति पहले क्यों नहीं जताई गई ? 

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