मोरनी में हो रही थी अफीम की खेती, रेड के दौरान 1700 से ज्यादा पौधे आए सामने

मोरनी। पंचकूला के मोरनी में नशे की खेती का मामला सामने आया है। जहां गेहूं के साथ साथ अफीम की खेती की जा रही थी वो भी बिना किसी डर के। यह खेती हरियाणा रोडवेज का ड्राइवर कमल कर रहा था। सोमवार को सीएम फ्लाइंग स्कवायड की टीम को इस संबंध में सूचना मिली थी जिस के बाद रेड की गई और यहां अफीम की खेती को पकड़ा है, रेड के दौरान 1700 से ज्यादा अफीम के पौधों को गिना गया है।

ये अफीम की फसल नवंबर महीने में रोपी गई थी, अब मार्च के आखिरी दिनों में इस फसल से अफीम निकालने का समय हो चुका था, लेकिन उस से पहले ही सीएम फ्लाइंग स्क्वायड की टीम ने यहां रेड की दी। सूत्रों के अनुसार जिस खेत में अफीम की खेती की जा रही थी। उसके चारों और गेंहू की फसल है, वहीं अफीम के पौधों को छुपाने की नियत से उसके चारों ओर ग्रीन जाली को भी लगाया गया है। सीआईडी की टीम को कुछ दिन पहले ही एक व्यक्ति से इस फसल की जानकारी मिली थी, जिसके बाद यहां सीएम फ्लाइंग की टीम ने रेड की।

जिसके बाद देरशाम तक यहां ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट के अधिकारियों को बुलाया गया था। वहीं स्वास्थय विभाग की टीम को भी बुलाया जा रहा है। आरोपी हरियाणा रोडवेज का ड्राईवर कमल यहां मोरनी के गांव बडियाल थाना का रहने वाला है। रेड के दौरान पुलिस को कमल नहीं मिला है। ऐसे में उसकी तलाश की जा रही है। अभी अफीम के पौधों पर डोड़े आ चुके थे, जिनसे अगले कुछ दिनों में अफीम को निकालना शुरू किया जाना था। बड़ी बात यह है, कि सीएम फ्लाईंग के अधिकारियों को लगता है कि अफीम तस्करी के अलावा यहां पहाड़ी एरिया में कई तरह के ड्रग्स इसी अफीम के जरिए बनाए जा सकते हैं।

वहीं कई अन्य जगहों पर भी अफीम की खेती की जा सकती है। लिहाजा अब कई जगहों पर सर्च की जा रही है। बता दें कि मोरनी क्षेत्र में अभी विकास कार्य प्रगति पर है और यहां लोगों की जनसंख्या भी कम है। आवाजाही भी कम ही रहती है। ज्यादातर लोग खेती करते हैं। सरकार का ध्यान भी इस क्षेत्र पर कम ही रहता है। ये मामला अभी इस क्षेत्र में पहला मामला है। अब देखना होगा कि कहीं ओर इस तरह की खेती तो नहीं हो रही है। सरकार को बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाना होगा तभी इस संबंध में पता चल पाएगा।

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