चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर कांग्रेस पार्टी ने किया विरोध प्रदर्शन

चंडीगढ़। कांग्रेस ने बुधवार को रेलवे अधिकारियों द्वारा पिक एंड ड्राप सुविधा पर मनमाना शुल्क लगाने के मनमाने और बेतुके फैसले के विरोध में चण्डीगढ़ रेलवे स्टेशन के सामने जबरदस्त प्रदर्शन किया। चण्डीगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष एच. एस लक्की ने इस अवसर पर कहा कि इस अवांछनीय कदम का उद्देश्य न केवल रेलवे द्वारा आम जनता से लूट खसोट कर रेलवे और सरकार के खजाने भरना है बल्कि उन महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को अकारण परेशान करना भी है, जिन्हें ट्रेनों से उतरने के बाद भारी सामान के साथ पार्किंग क्षेत्र की तरफ भागने के लिए मजबूर किया जा रहा है, ताकि उनको लिवाने के लिए आया वाहन 6 मिनट की समय सीमा के भीतर स्टेशन से बाहर निकल सके। लक्की ने रेलवे अधिकारियों द्वारा अनुचित रूप से अत्यधिक पिक एंड ड्रॉप शुल्क लगाना सरकार द्वारा की जा रही एक संगठित लूट बताते हुए चेताया कि यदि एक सप्ताह के भीतर यह पिक एंड ड्रॉप चार्जेज को युक्तिसंगत नहीं बनाया गया और यात्रियों का अनावश्यक उत्पीड़न बंद नहीं किया गया तो चंडीगढ़ कांग्रेस अपना आंदोलन तेज करने पर मजबूर हो जाएगी। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन कांग्रेस कार्यकर्ताओं भूपिंदर सिंह बढ़हेड़ी, जतिन्दर भाटिया, हरफूल कल्याण, राजदीप सिद्धू, धर्मवीर, विक्रम चोपड़ा, लेखपाल, जीत सिंह बहलाना, सुरजीत ढिल्लों, परवीन नारंग, भजन कौर और मंजू तोंगर ने किया। इस बीच नई शुरू की गई सुविधा से रेल यात्रियों व उनके परिजनों को लगातार परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

शहर की एक पेशेवर वकील रानी भवजोत कौर, जो अपने बुजुर्ग पिता को लेने के लिए रेलवे स्टेशन गईं थी, को 300 रुपये सिर्फ इसलिए चुकाने पड़े क्योंकि रात की शताब्दी बिना किसी सूचना के 20 मिनट की देरी से आई थी। ज्ञात हो कि पहले 30 मिनट पार्किंग का जुर्माना 1000 रुपये तय किया गया था. परन्तु जब पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने इसका कड़ा विरोध जताया, तब यह इसे घटाकर 300 रुपये कर दिया था।
इसके अलावा, इन पार्किंग चार्जेज़ की वजह से रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़कें पर कारों और अन्य वाहनों लम्बी लाईनें लगी रहती हैं क्योंकि ट्रेनें आमतौर पर समय पर नहीं पहुंचती हैं। इससे ट्रैफिक और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। पार्टी के एक प्रवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार यात्रियों को कोई अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान किए बिना ही रेलगाड़ियों और रेलवे की सम्पत्तियों का सिर्फ़ अपने लिए पैसे कमाने के साधन के रूप में शोषण कर रही है, जिससे आम यात्रियों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।

सरकार न केवल देश के सबसे बड़े रोजगार सृजक संगठन की संपत्तियों को बेचकर हमारी महान विरासत रेलवे को नुक्सान पहुँचा रही है, बल्कि उसकी संपत्तियों को निजी व्यापारियों को अपने निजी हितों के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे रही है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन पर पिक एंड ड्रॉप चार्ज लगाना और इसे एक ठेकेदार को देकर उसे मनमाने रेट वसूल कर जनता को लूटने की इजाज़त देना रेलवे स्टेशनों को निजी हाथों में सौंपने की दिशा में ही एक जनविरोधी कदम है।

प्रवक्ता ने कहा कि चण्डीगढ़ कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी और अगर पिक एंड ड्रॉप चार्जेज़ को जनहितैषी और युक्ति संगत नहीं बनाया गया तो पार्टी शीघ्र ही सीधी कार्यवाही की घोषणा करेगी। चंडीगढ़ यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज लुबाना, जो पहले से ही इस पिक एंड ड्रॉप टैक्स का विरोध कर रहे हैं, ने अधिकारियों से इसे तुरंत वापस लेने की अपील की। इस बीच, चंडीगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्षा दीपा दुबे ने भी पिक एंड ड्रॉप चार्ज वापस नहीं लेने पर रेलवे अधिकारियों के खिलाफ प्रदर्शन करने की धमकी दी है।

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