आप पार्टी में घमासान, पार्टी संयोजक ने थमाए पार्षदों को कारण बताओ नोटिस

चंडीगढ़। शहर के दक्षिण सेक्टरों की सफाई का काम संभाल रही लायंस सर्विस कंपनी को टेंडर अलॉट करने के सप्लीमेंट्ररी एजेंडे पर वोटिंग के दौरान समर्थन करना आम आदमी पार्टी के पार्षदों को भारी पड़ गया है।
आप चंडीगढ़ यूनिट के संयोजक और अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने उन सभी छह पार्षदों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिन्होंने भाजपा पार्षदों के साथ सप्लीमेंट्ररी एजेंडे को पारित किए जाने के समर्थन में हाथ खड़े कर दिए थे। यह कारण बताओ नोटिस सदन बैठक के तीन दिन के बाद जारी किया गया। सभी छह पार्षदों से नोटिस के जवाब वीरवार दोपहर 1 बजे तक मांगे गए हैं।
इस बीच सदन बैठक के घटनाक्रम पर पार्टी ने मंथन के साथ कड़ा संज्ञान लिया। शनिवार 30 अप्रैल को निगम सदन बैठक में आप के पार्षदों के बीजेपी पार्षदों के साथ समर्थन किए जाने से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। हालांकि इसके घटनाक्रस से पार्टी की खासी किरकरी हुई बल्कि सदन में पहली बार तीसरे विकल्प के तौर पर निगम चुनाव में प्रोजेक्ट हुई पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचा। पार्टी की गुटबाजी भी सामने आई। प्रस्ताव पर आप पार्षदों की आपस में विचार भी मेल नहीं खा रहे थे।
पार्टी की लीडरशिप ने मसले को लिया गंभीरता से :
सदन बैठक के प्रत्यक्ष तौर पर मौजूद रहे प्रेग गर्ग ने कारण बताओ नोटिस किए जाने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि हम तो उनसे भी सवाल करेंगे जो उस दिन बैठक में नहीं आए थे। बैठक में दमनप्रीत सिंह बादल और अंजू कटियाल उपस्थित नहीं थे। हालांकि बादल ने अपनी निजी समस्या गिनाई। वहीं, प्रेम गर्ग का साथ ही यह भी कहना था कि कुछ ने तो गलती से ही हाथ उठा दिए। यह नोटिस बजी  कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चावला के उन पर लगाए गए गंभीर आरोपों के जवाब में जारी किया गया, जो जारी करने का मकसद सभी पक्षों की बात सामने रखना है, ताकि आगे की कार्रवाही को लेकर स्पष्टता रहे। गर्ग का कहना था पार्टी की लीडरशिप ने इसे गंभीरता से लिया है।
हालांकि गर्ग का आरोप था कि वोटिंग की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं थी, उन्हें सोचन का मौका तक नहीं दिया गया। हालांकि पत्र में आप संयोजक ने काफी कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है।
किन किन को जारी किया गया नोटिस :
-वार्ड नंबर 1 से पार्षद जसविंदर कौर
-वार्ड नंबर 4 से पार्षद सुमन देवी
-वार्ड नंबर 16  से पार्षद पूनम
-वार्ड नंबर 18 से पार्षद तरुणा मेहता
-वार्ड नंबर 23 से पार्षद प्रेम लता
-वार्ड नंबर 26 से पार्षद कुलदीप दलोड़
नोटिस में कहा गया -अनुशासनहीनता सहन नहीं की जाएंगी :
नोटिस में पार्षदों से पूछा और कहा गया कि  जब पहले से साफ कहा गया था कि सभी पार्षद की ओर से  उक्त एजेंडे को डेफर कराया जाएगा ताकि इसकी टर्म एंड कंडीशन को जानने के लिए अध्यन किया जा सके। इस एजेंडे पर पूर्व में चर्चा के दौरान पार्टी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष योगेश ढिंगरा ने वोटिंग की मांग की थी। सभी पार्षदों को स्पष्ट कर दिया गया था कि इस एजेंडे के विरोध में वोट की जाएगी। साफ गाइडलाइन दिए जाने के बाद भी उनके नोटिस में आया कि जिन्हें नोटिस के विरोध को लेकर पहले संबोधित किया गया था, उन्होंने  बीजेपी पार्षदें के साथ एजेंडे के पारित करा दिया गया।  इसलिए इस तरह के आचरण भारी अनुशासनहीनता सहन नहीं की जाएगी, पार्टी की सीनियर लीडरशिप ने इसे गंभीरता से लिया है।
उस पार्षद को भी नोटिस जारी जो कंपनी की कार्यशील पर सवाल उठा रहे थे :
नोटिस पार्षद कुलदीप दलोड़ को भी जारी किया जिन्होंने सदन बैठक में कंपनी की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। लेकिन यहां समस्या यह रही कि जब पार्टी के नेता प्रतिपक्ष योगेश ढिंगरा सदन के बीचो-बीच एजेंडे के विरोध में उतर गए थे तब वह अकेले पड़ गए थे, उनकी पार्टी के पार्षदों ने या तो वोटिंग के समर्थन में हाथ उठा दिया या फिर जिनका रुख न्यूट्रल भी रहा तो वह अपनी सीट पर ही बैठे मूकदर्शक बने रहे। यही वजह है कि पार्टी सदन में मौजूद हर उस पार्षद का पहलू जानने की कोशिश कर रही है, संभव है कि कुलदीप दलोड़ भी अपना पक्ष रखेंगे। वैसे कुलदीप दलौड़  तरुण मेहता और प्रेम लता के गुट होने के साथ-साथ पार्टी के सह-प्रभारी प्रदीप छाबड़ा के करीबी माने जाते हैं।

क्या था घटनाक्रम :

सफाई का नया टेंडर लायंस कंपनी को अलाट करने के मामले में अधिकारियों की ओर से टेंडर अलॉट करने का सप्लिमेंट्री प्रस्ताव मंजूरी के लिए लाया गया था, जिस पर आप पार्षद दल के नेता योगेश ढ़ीगरा ने सवाल उठाए। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि यह प्रस्ताव शुक्रवार रात ही पार्षदों के पास आया है। ऐसे में इस पर चर्चा के लिए सदन विशेष की बैठक बुलाई जाए। मगर इसके लिए भाजपा पार्षद तैयार नहीं हुए। अधिकारियों की ओर से जो प्रस्ताव लाया गया था उसके अनुसार एक अप्रैल से लायंस कंपनी को नए सिरे से टेंडर अलॉट कर दिया गया था। अधिकारियों की ओर से  बताया कि पिछले टेंडर के मुकाबले अब अलॉट हुए टेंडर से हर माह 75 लाख रुपये बचेंगे।अंत में जब वोटिग के आधार पर जब प्रस्ताव पास किया गया था तो आप के पार्षदों ने भाजपा पार्षदों का समर्थन करते हुए यह प्रस्ताव पास कर दिया था। जिन पांच आप पार्षदों ने भाजपा पार्षदों था साथ दिया, वोटिग में कांग्रेस के पार्षदों ने खुद को दूर रखा था।
कांग्रेस के पार्षद के इस मामले में चुप रहे और वह वोटिग में शामिल नहीं हुए। मेयर सरबजीत कौर ने बताया कि 19 पार्षदों ने इस प्रस्ताव के समर्थन में वोटिग की है।

पार्टी प्रधान को पता नहीं , मीडिआ मैं नोटिस की कॉपी पहले ही हुई लीक  ———–

आज जिन पार्षदों को जो नोटिस भेजा जाना था , उससे पहले ही नोटिस की कॉपी मीडिया मैं लीक हो गई।   पार्टी के चंडीगढ़  के प्रधान प्रेम गर्ग को पता तक नहीं की उन्ही की पार्टी के पांच पार्षदों को भेजे जाने वाला नोटिस तैयार हो चुका है जबकि नोटिस की  कॉपियां गर्ग से पहले ही मीडिआ के हाथ लग चुकीं थी। जब गर्ग से इस बारे बात की गई तो पहले तो उन्होंने इसकी जानकारी ना होने की बात मानी लेकिन कुछ देर बाद उसी नोटिस को ह्री झंडी देते हुए मन गए की ये वही नोटिस की कॉपी है जो पार्टी पार्षदों को भेजी गई है।मीडिया के पास जो कॉपी पहुंची थी उसमें प्रधान के हस्ताक्षर नहीं थे लेकिन बाद मैं मीडिया को भेजी गई कॉपी मैं हस्ताक्षर किये हुए थे।    

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