पीसीए के पूर्व पदाधिकारियों एम.पी.पांडव और जी.एस वालिया पर एसोसिएशन के फंड्स के गलत इस्तेमाल के लिए ठहराया दोषी

लोकपाल-सह-नैतिकता अधिकारी, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन  ने एम.पी.पांडव और जी.एस.वालिया को क्रिकेट के खेल से जीवन भर के लिए किया प्रतिबंधित

चंडीगढ़। न्यायमूर्ति एच.एस. भल्ला ( पूर्व न्यायाधीश ) , लोकपाल-सह-नैतिकता अधिकारी, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) ने एसोसिएशन के आजीवन सदस्यों और पूर्व पदाधिकारियों जी.एस वालिया और एम.पी. पांडव, को पीसीए फंड के गबन और मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए ) नामक एक अनाधिकृत एसोसिएशन के लिए इसका इस्तेमाल करने का दोषी ठहराया है।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए जस्टिस एच.एस. भल्ला ने 11 अप्रैल, 2022 के अपने आदेश में जी.एस.वालिया और एम.पी. पांडव , दोनों को जीवन भर के लिए क्रिकेट के खेल से जुड़ी हर गतिविधि से प्रतिबंधित करने का आदेश दिया है।

न्यायमूर्ति भल्ला ने यह पीसीए के नियमों और विनियमों में नियम 46 (3) (बी) के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए स्पष्ट रूप से कहा। उन्होंने अपने निर्णय में कहा कि जीएस वालिया और एमपी पांडव ने पीसीए पदाधिकारियों के रूप में अपनी शक्तियों का प्रयोग किया है और साथ ही एक ऐसे  संघ को धनराशि जारी की जिसे पीसीए द्वारा किसी तरह से मान्यता नहीं दी गई थी।

पीसीए के कोषाध्यक्ष और सचिव जी.एस.वालिया और एमपी पांडव ने अपने-अपने पदों का दुरुपयोग करके पीसीए फंड का गबन किया। दोनों ने एक दलील दी कि एमसीए पीसीए की एक सम्बंधित संस्था है जो साबित नहीं हो पाया  क्योंकि इस मामले में कभी भी पीसीए द्वारा “संबद्धता प्रमाणपत्र” जारी नहीं किया गया था।

उल्लेखनीय है कि जिला क्रिकेट संघ मोहाली की तरफ से गगनदीप सिंह धालीवाल, पुत्र एस करोरा सिंह धालीवाल ने जीएस वालिया व एम.पी. पांडव के विरुद्ध 2021 में शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद जांच शुरू की गई।

न्यायमूर्ति भल्ला ने अपने आदेश में इस तथ्य की ओर भी इशारा किया कि एमसीए का पंजीकरण भी माननीय पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती के अधीन है।

वहीं, जीएस वालिया और एम.पी. पांडव ने दलील दी थी कि एमसीए पीसीए के स्टेडियम में खेल के मैदान, कार्यालय और वाश-रूम जैसी सुविधाओं का उपयोग कर रहा है। दोनों ने यह भी कहा कि उन्हें धन भी जारी किया गया था और उन्होंने सभी आवश्यकताओं को पूरा किया। उन्होंने यह भी कहा कि डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एस्सो मोहाली (डीसीएएम ) नहीं बल्कि उनके  संघ (एमसीए ) को  मान्यता दी जानी चाहिए और वास्तव में इसे मान्यता दी गई है और इसलिए उन्होंने पीसीए द्वारा आयोजित अंतर-जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में भी भाग लिया जिसमें विजेता और उपविजेता को पुरस्कार राशि भी जारी की गई।

निर्णय पर टिप्पणी करते हुए पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और पीसीए सदस्य राकेश हांडा ने कहा कि, “आखिरकार जस्टिस लोढ़ा की सिफारिशों के अनुसार, पीसीए लोकपाल ने मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन के बारे में फैसला सुनाया है। एमपी पांडोव पूर्व बीसीसीआई कोषाध्यक्ष और पूर्व जनरल सेक्टरी  पीसीए और जीएस वालिया पूर्व महासचिव पीसीए को पीसीए से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया है। साथ ही मोहाली क्रिकेट एसोसिएशन के खाते में पीसीए से ट्रांसफर किए गए पैसे की वसूली का भी आदेश दिया है । यह भ्रष्ट आचरण के खिलाफ एक बड़ी जीत है।

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