चंडीगढ़ में पानी के मुद्दे पर अब धरना
आम आदमी पार्टी घेरेगी बीजेपी को; सेक्टर 17 में होगा प्रदर्शन; कई नेता होंगे शामिल
चंडीगढ़। चंडीगढ़ में पानी के रेट बढ़ने से पहले हाउस में विपक्ष द्वारा भाजपा को निशाना बनाया जा रहा था। अब हाउस से बाहर शहर में आम आदमी पार्टी (आप) इस मुद्दे को उठाने जा रही है। पार्टी की चंडीगढ़ इकाई ने एलान किया है कि वह 5 मार्च को सुबह 11 बजे सेक्टर 17 में धरना प्रदर्शन करेगी। इस धरने में आप के पार्षदों समेत चंडीगढ़ आप के संयोजक प्रेम गर्ग समेत कई बड़े नेता भी शामिल हो सकते हैं। यह धरना उसी जगह होगा जहां चंडीगढ़ में बिजली के निजीकरण के खिलाफ कुछ समय पहले यूटी के कर्मचारी जुटे थे। तब आप ने कर्मचारियों का साथ दिया था और निजीकरण का सख्त विरोध किया था।
नहीं बनी थी एडवाइजर की मीटिंग में सहमति
हाउस में पानी के रेट का मु्द्दा रखने से एक दिन पहले विपक्षी पार्षदों समेत शहर की मेयर, कमिश्नर आदि प्रशासक के सलाहकार धर्म पाल से भी मिले थे। हालांकि यहां पर इनके बीच एक रेट बढ़ाने को लेकर सहमति नहीं बनी थी। आप बिल्कुल भी रेट नहीं बढ़ने देना चाहती थी। ऐसे में प्रशासन को खुद ही दखल देकर पानी के रेट बढ़ाने पड़े। रेट बढ़ने के बाद मेयर ने कहा था कि अगर विपक्ष साथ देता तो इतने ज्यादा भी रेट न बढ़ते। इससे पहले उन्होंने हाउस में कहा था कि वह शहर में पानी के रेट नहीं बढ़ने देंगी। इसके लिए चाहे सारे पार्षदों को लेकर प्रशासन से ही क्यों न मिलना पड़े।
यह सुझाव दिया था आप ने
आप आदमी पार्टी के संयोजक प्रेम गर्ग समेत निगम में नेता प्रतिपक्ष योगेश ढिंगरा ने पानी के मुद्दे पर अपने सुझाव दिए थे। इसमें कहा गया था कि निगम को अपनी पानी की पाइपों आदि की लीकेज दूर करनी चाहिए। लाल डोरे के बाहर दिए पानी के कनेक्शनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। पानी के मीटरों के साथ छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए। इसके अलावा पानी के सालों से पेंडिंग बिलों की रिकवरी की प्रक्रिया तेज कर देनी चाहिए। इन सब से निगम को काफी फायदा होगा और पानी के रेट बढ़ाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।
वहीं प्रशासन ने पानी के रेट बढ़ाते हुए कहा था कि पिछले 11 सालों से शहर में पानी के रेट नहीं बढ़े। जो रेट बढ़ाए गए हैं उसके बाद भी निगम 80 करोड़ रुपए के घाटे में है।
आप से तकरार शुरु से ही रही है
चंडीगढ़ नगर निगम हाउस में सबसे पड़ी पार्टी के रुप में जीत हासिल करने के बावजूद आप विपक्ष में है। चंडीगढ़ मेयर सर्बजीत कौर समेत अन्य दो पदों की वोटिंग पर हेरफेर का आरेाप लगाती आप की याचिका हाईकोर्ट में लंबित है। आप शुरु से कहती आ रही है कि उनके पार्षदों की मेयर और अफसर सुनवाई नहीं करते। हाल ही में निगम के ऑफिशियल ग्रुप में आप की किसी बात पर कमिश्नर समेत कई अफसर ग्रुप लेफ्ट कर गए थे। आप पार्षद कह चुके हैं कि हाउस में उनकी सुनवाई नहीं होती।